हृदय एक दर्पण बन जाए
काश... की मेरा हृदय एक दर्पण बन जाए....
जो टूटने पर भी सौ प्रतिबिम्ब दिखाए......
काश....की मेरा मन जुगनू हो जाए....
अंधेर नगरी में जो राह दिखाए.....
काश....की मेरा करुण अतीत बदल जाए....
और वर्तमान सुख की लहरों से खेलता नजर आए........मोहनिश......!!
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