हर किसी के सामने सिर झुका दूँ,
इतना भी मजबूर .......मैं इंसान नहीं.........
तू होगा कई गुलामों का आका,
पर है तो एक इंसान ही.....कोई भगवान नहीं......मोहनिश....!!
इतना भी मजबूर .......मैं इंसान नहीं.........
तू होगा कई गुलामों का आका,
पर है तो एक इंसान ही.....कोई भगवान नहीं......मोहनिश....!!